सेक्टरों में इन्हांसमेंट के मुद्दे पर प्लॉटधारकों को मिलेगी बड़ी राहत
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सेक्टरों में इन्हांसमेंट के मुद्दे पर प्लॉटधारकों को मिलेगी बड़ी राहत

सेक्टरों में इन्हांसमेंट के मुद्दे पर प्लॉटधारकों को मिलेगी बड़ी राहत

सेक्टरों में इन्हांसमेंट के मुद्दे पर प्लॉटधारकों को मिलेगी बड़ी राहत

शहरी विकास प्राधिकरण फिर लांच करेगा सेटलमेंट स्कीम 
प्रदेशभर के बाकी रहे 17 सेक्टर के लोग कर सकेगे राशि अपडेट 
सीएमओ से मिली मंजूरी, अब जारी होगा राशि अपडेटेशन प्रक्रिया 

चंडीगढ़, 18 अप्रैल। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) इन्हांसमेंट विवाद को निपटाने के लिए ‘लॉस्ट एंड फाइनल सेटलमेंट स्कीम’ को दोबारा लांच करेगा। प्रदेशभर के अधिकांश शहरों में सेक्टर वासियों पर इन्हांसमेंट के बोझ को काफी हद तक सैटल किया जा चुका है। राज्य के सोनीपत, पानीपत, फतेहाबाद, पंचकूला, हांसी, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पलवल, सिरसा, हिसार व बहादुरगढ़ के 17 सेक्टरों की इन्हांसमेंट का मुद्दा अभी उलझा हुआ है। 
इन सेक्टरों में रहने वाले लोगों की परेशानी को निपटाने के लिए सरकार ने सेटलमेंट स्कीम को फिर से लांच करने का निर्णय लिया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव को सीएमओ से मंजूरी मिल चुकी है। सेटलमेंट स्कीम के तहत शेष बचे 17 सेक्टरों की राशि अपडेट होगी। ये वे सेक्टर है, जहां प्लॉटधारकों को अथॉरिटी की ओर से इनहांसमेंट के नोटिस जारी किए हुए हैं। 
इनमें कुछ सेक्टर ऐसे भी हैं, जो किसी कारणवश पहले वाली सेटलमेंट स्कीम में शामिल नहीं हो पाए थे। वर्तमान में इन सेक्टरों में रिकार्ड को क्रॉस चैक किया जा रहा है। डॉटा वेरिफिकेशन के बाद ही सेटलमेंट स्कीम लांच होगी। योजना के तहत राशि अपडेट होने के बाद अलॉटियों को एकमुश्त देय डिमांड राशि एक निर्धारित समय सीमा में अदा करनी होगी। 
सेक्टरों की रिकेलकुलेशन में कुछ सेक्टरों में 40 से 60 प्रतिशत तो कई सेक्टरों में नाममात्र राशि घटी है। रिकेलकुलेशन को लेकर कई सेक्टर आरडब्ल्यूए ने एचएसवीपी पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पुन: रिकेलकुलेशन की मांग भी की है। ऑल सेक्टर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप वत्स का कहना है कि एचएसवीपी को जल्दबाजी में सेटलमेंट स्कीम लांच करने से पहले रिकेलकुलेशन में हुई गड़बडियों को ठीक करना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि जोनल स्तर से जो फाइल रिकेलकुलेशन के बाद मुख्यालय पहुंची है, उनमें कई सेकटरों की रिकेलकुलेशन में बड़े स्तर पर नियमों की अनदेखी के मामले सामने आए हैं। इसे लेकर संबंधित सेक्टरों की आरडब्ल्यूए ने आपत्ति दर्ज कराई है।